रूस-यूक्रेन युद्ध अब तक के सबसे बड़े भू-राजनीतिक संघर्षों में से एक बन चुका है। हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन संकट को हल करने के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। यह बयान वैश्विक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
पुतिन ने क्यों जताया आभार?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर कई वैश्विक नेता शांति स्थापना के प्रयासों में लगे हुए हैं। इसी क्रम में, पुतिन ने सार्वजनिक रूप से ट्रंप और मोदी के प्रयासों को सराहा।
डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका
ट्रंप पहले भी कई बार रूस-यूक्रेन युद्ध पर टिप्पणी कर चुके हैं और उन्होंने इसे जल्द खत्म करने की अपील की थी। हाल ही में, उन्होंने एक नई शांति योजना की पेशकश की, जिसमें रूस और यूक्रेन दोनों को राजनयिक वार्ता के जरिए समस्या का समाधान निकालने की सलाह दी गई। पुतिन ने इस प्रयास को सकारात्मक बताते हुए कहा कि अगर अमेरिका इस दिशा में ठोस कदम उठाए, तो समाधान संभव है।
पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयास
भारत ने हमेशा शांति और कूटनीति का समर्थन किया है। पीएम मोदी ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस और यूक्रेन के नेताओं से बातचीत कर समस्या के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है। भारत ने इस संघर्ष में एक निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाते हुए दोनों पक्षों को वार्ता के लिए प्रेरित किया है। पुतिन ने मोदी के इन प्रयासों की सराहना की और भारत की वैश्विक कूटनीतिक शक्ति को महत्वपूर्ण बताया।
क्या शांति वार्ता संभव है?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्ध को रोकने के लिए सभी पक्षों को लचीला दृष्टिकोण अपनाना होगा। रूस को कुछ रियायतें देनी पड़ सकती हैं, वहीं यूक्रेन को भी अपने रुख में बदलाव लाना होगा।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और स्पष्ट किया है कि वे बिना ठोस गारंटी के किसी भी प्रकार की वार्ता को स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं, रूस ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें रखी हैं, जिनमें यूक्रेन का पश्चिमी देशों से सैन्य समर्थन कम करना प्रमुख है।
भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका
भारत ने हाल ही में अपनी कूटनीतिक शक्ति को मजबूती से स्थापित किया है। भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान कई बार बातचीत के लिए मंच तैयार करने की पेशकश की है।
विश्लेषकों का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी वार्ता में भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद कहना यह दर्शाता है कि वैश्विक कूटनीति में भारत और अमेरिका की भूमिका अहम होती जा रही है। हालांकि, युद्धविराम को लेकर अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन इस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं भविष्य में शांति वार्ता की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं।